महाकाल की पालकी में पार्वती, नाव में बैठकर रंगोली विसर्जन

उज्जैन | महाकाल मंदिर से वर्ष में एक बार निकलने वाली पार्वती की सवारी गुरुवार को पुराने शहर में निकली तो स्वागत के लिए भक्त उमड़ पड़े। जिस चांदी की पालकी में राजा महाकाल सवारी में निकलते हैं उसमें माता पार्वती ने विराजकर दर्शन से भक्तों को अभिभूत किया। शाम 4 बजे सभामंडप में पार्वती की प्रतिमा पूजन के बाद सवारी शुरू हुई। सवारी शाम 5.30 बजे रामघाट पहुंची। पुजारी आशीष गुरु ने घाट पर प्रतिमा का पूजन कराया। उमा-सांझी की रंगोली को पंडे-पुजारी ने नाव में बैठकर बीच नदी के बीच जाकर शिप्रा में विसर्जित किया। यहां से सवारी वापस महाकाल मंदिर पर समाप्त हुई।

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